🔱 यज्ञ आश्रम (Yagya Ashram)

🕉️ नारा (Slogan): "सत्यं जीवनस्य मूलं, अनन्तमानन्दः फलम्"

⚜️ संस्थापक के बारे में

आचार्य पंडित धीरेन्द्र त्रिपाठी जी एक प्रख्यात ज्योतिषाचार्य, वैदिक विद्वान और समर्पित समाजसेवी हैं। उन्होंने अपना जीवन सनातन धर्म, वेद, और ज्योतिष के गूढ़ ज्ञान के अध्ययन और प्रचार-प्रसार में समर्पित किया है। उनका मानना है कि वैदिक ज्ञान केवल प्राचीन ग्रंथों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे आधुनिक जीवन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शक के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।

इसी दृष्टिकोण के साथ, उन्होंने 'यज्ञ आश्रम' की स्थापना की, ताकि समाज में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का पुनर्जागरण हो सके।

🌺 आश्रम का दृष्टिकोण

यज्ञ आश्रम की स्थापना एक पवित्र उद्देश्य के साथ की गई थी - मानव चेतना को उसके उच्चतम स्तर तक उठाना। हम मानते हैं कि 'यज्ञ' का अर्थ केवल एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है। अपने प्रत्येक कर्म, विचार और वचन को निस्वार्थ भाव से समाज और परमात्मा को समर्पित करना ही वास्तविक यज्ञ है।

हमारा आश्रम सभी के लिए खुला है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। हम विभिन्न कार्यशालाओं, पाठ्यक्रमों, और सत्संगों के माध्यम से वैदिक ज्ञान, ज्योतिष, और ध्यान की शिक्षा प्रदान करते हैं।